आपके रिफंड की स्थिति पता करने के लिए आयकर विभाग द्वारा सुविधा दी गई है जिस में आप ऑनलाइन अपने Interest from TDS refund का स्टेटस चेक कर सकते हैं। रिफंड को क्लेम करने के लगभग दस दिन बाद आप उसकी पुष्टि कर सकते हैं, जिसे चेक करने के लिए आपको अपने परमानेंट अकाउंट नंबर की जरूरत होती है।
Interest from TDS refund (टीडीएस रिफंड का स्टेटस कैसे पता करे)?
जब वास्तविक में भुगतान करने वाली राशि से ज्यादा राशि का भुगतान कर दिया जाता है तब वास्तविक राशि से जितनी अधिक राशि का भुगतान किया गया होता है उस राशि को रिटर्न करने को ही टीडीएस रिटर्न की स्थिति कहा जाता है ।
टीडीएस रिफंड का उनही लोगो द्वारा दावा किया जा सकता है जिसका टैक्स किसी नियोक्ता द्वारा काटा गया होता है। इनकम टैक्स टीडीएस रिफंड तभी मान्य होता है जब कर की राशि वास्तविक राशि से अधिक जमा हुई हो।
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Tax Deducted at Source (TDS) किसे कहते हैं?
अगर आपके द्वारा किया गया करों का भुगतान आवश्यकता से ज्यादा होता है तब आपके द्वारा दी गई अधिक राशि का आप आयकर रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। किसी एक पार्टी या फर्म द्वारा काटी गई राशि का वापस भुगतान किया जाना रिटर्न या टीडीएस रिटर्न कहा जाता है।
आपके द्वारा क्लेम करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दोबारा से करो की जांच करता है और फिर रिटर्न की राशि को मान्यता देता है।
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इनकम टैक्स टीडीएस रिटर्न किस प्रकार प्राप्त होता है?
इनकम टैक्स टीडीएस रिटर्न प्राप्त करने के लिए या टीडीएस को क्लेम करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न को भरना जरूरी होता है इसके बिना आप इनकम टैक्स टीडीएस रिटर्न को क्लेम नहीं कर सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के भी लगभाग सात फॉर्म उपलब्ध होते हैं अब ये आप के टीडीएस पर निर्भर करता है कि आपको किस टाइप का टीडीएस मिल रहा है या आपकी पार्टी या फर्म द्वारा किस पर टीडीएस काटा गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर के आप अपने टीडीएस को क्लेम कर सकते हैं।
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टीडीएस का दावा क्यों किया जाता है? (Income Tax TDS Refund Status)
इनकम टैक्स रिटर्न टीडीएस का दावा करने का कारण ये होता है कि आपने वास्तविक कर से ज्यादा की राशि के कर का भुगतान कर दिया है और अब आप, आपके द्वार अतिरिक्त भुगतान की गई राशि का दावा कर रहे हैं जो आपका अधिकार होता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके द्वारा क्लेम की गई राशि का दोबारा से निरिक्षण करता है और यदि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट संतुस्ट हो जाता है तो आपके द्वारा क्लेम की गई राशि को रिटर्न की मान्यता दे देता है।
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टीडीएस रिफंड होने में समय क्यों लगता है?
टीडीएस को रिफंड होने में लगने वाले समय के बहुत से कारण होते हैं जिनके वजह से रिफंड में देरी होती है। एक तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इतना काम का भार
होता है कि समय लगना स्वभाविक है उसके बाद फिर कुछ ये भी कारण हो जाते हैं – आपके द्वार दिए गए
बैंक अकाउंट से आधार कार्ड लिंक ना हो, आपके आधार और आपके बैंक की डिटेल मिसमैच हो , आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता सही ना हो इत्यादी।
ईस प्रकार की छोटी सी गलती भी आपके रिफंड की देरी का कारण बनती है, क्योकी आपके धन की सुरक्षा के लिए सभी डिटेल्स का मैच होना जरूरी होता है और आपके द्वारा हुई छोटी सी गलती के कारण इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को चेकिंग के दौरन समय लग जाता है जो आपके रिफंड की देरी का कारण भी बन जाता है।
टीडीएस के रिफंड होने में समय लगने के दो कारण होते हैं अथवा दो दशा पर निर्भर करता है
- आपके द्वारा रिटर्न फाइल का समय,
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया समय (आपके क्लेम को चेक करने के लिए)।
आपके द्वारा रिटर्न फाइल का समय –
टीडीएस रिफंड में कितना समय लग रहा है ये बात पर भी निर्भर करता है कि आपने अपना रिटर्न किस टाइम पे भरा
है। जितनी देर आप अपनी फाइल को करने में करते हैं उतनी ही देर आपके रिटर्न में लग सकती है।
मान लीजिए अगर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है और आपने अपनी फाइल 30 जुलाई को बिलकुल आखिरी समय में की है तो आपको, आपके टीडीएस रिटर्न में भी लेट हो सकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया समय (आपके क्लेम को चेक करने के लिए) –
टीडीएस रिफंड में लगा समय इस बात पर भी निर्भर करता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी फाइल को चेक करने में कितना समय ले रहा होता है। जितनी लेट से आपकी आईटीआर होती है उतनी ही लेट वो फाइल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास पहुचती है और फिर डिपार्टमेंट द्वारा भी उसी फाइल को चेक करने में कुछ समय लगता ही है जिससे आपके टीडीएस रिटर्न में देरी होना संभव है।
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टीडीएस को रिफंड हो जाने में कितना टाइम लगता है?
टीडीएस को रिफंड होने में कितना समय लग जाएगा ये कहना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि टीडीएस को दोबारा चेक करने की प्रक्रिया में कितना समय लगेगा ये नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सरकार आपकी आईटीआर फाइल के बाद एक महीने में टीडीएस को आपके अकाउंट में जमा कर देती है।
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आईटीआर की देय तिथि के बाद, क्या हम टीडीएस रिफंड का दावा कर सकते हैं?
वेसे देखा जाए तो आईटीआर की ड्यू डेट से पहले ही टीडीएस रिफंड को क्लेम कर देना और आईटीआर को भरना अच्छा होता है लेकिन अगर किसी भी कारण से आप अपनी आईटीआर को भर नहीं पाते हैं तो आप को ड्यू डेट के बाद लेट फीस के साथ अपनी आईटीआर को भर सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हम सभी को एक सुविधा दी है जिसके तहत, जो लोग समय रहते हैं अपनी आईटीआर को नहीं भर पाएं वे सभी एक निश्चित समय तक अपनी आईटीआर को लेट फीस के साथ भर सकते हैं और अपने टीडीएस के लिए भी क्लेम कर सकते हैं। लेकिन अगर लेट फीस के साथ भी आप अपनी आईटीआर भरने में असफ़ल रहे तो आप आईटीआर यू के तहत अपनी आईटीआर को भर सकते हैं किंतु अब आप टीडीएस के लिए क्लेम नहीं कर पाएंगे।
टीडीएस को आप सिर्फ लेट फीस के साथ तक ही क्लेम कर सकते हैं उसके बाद आप टीडीएस के लिए कोई भी क्लेम नहीं कर पाएंगे।
इनकम टैक्स टीडीएस रिटर्न स्टेटस क्यू चेक करना जरूरी है?
इनकम टैक्स टीडीएस रिटर्न स्टेटस को चेक करना भी उतना ही जरूरी होता है जितना कि आईटीआर को भरना और टीडीएस को क्लेम करना जरूरी होता है। अगर आप टीडीएस के स्टेटस को समय पर चेक करते हैं तो आपके रिफंड की आपको जानकारी मिलती रहती है,
लेकिन अगर आपका रिफंड किसी वजह से आपके अकाउंट में डिपॉजिट नहीं हुआ है तो ये आपको किस से पता चलेगा जाहिर सी बात है आपके द्वारा चेक किए गए टीडीएस के स्टेटस से। समय रहते टीडीएस स्टेटस चेक कर के आप सही समय पर उसके लिए कंप्लेंट या रिक्वेस्ट, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को डाल सकते हैं।
टीडीएस रिफंड के स्टेटस से ही आपको आपके रिफंड फेल होने की वजह भी पता लगती है। इसलिए जब तक आपका रिफंड अमाउंट आपके अकाउंट में डिपॉजिट ना हो जाए तब तक समय – समय पर उसका स्टेटस चेक करते रहना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्या हमें TDS वापस मिलता है?
केवल वह लोग टीडीएस रिफंड क्लेम कर सकते है जिन व्यक्तियों का नियोक्ता द्वारा टैक्स काटा गया हो। ऐसे ही रिफंड की स्तिथि तब होती है जब साल की शुरुआत में घोषित निवेश राशि साल के अंत में किये गए वास्तविक निवेश से कम हो। आप जितनी जल्दी रिटर्न फाइल करते हो उतनी ही जल्दी आपको टीडीएस रिफंड मिल सकता है।
मेरा आईटीआर रिफंड क्यों नहीं मिला?
यदि आपको अभी तक भी अपना आईटीआर रिफंड (ITR Refund) नहीं प्राप्त होता है। तो सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर ले की विभाग ने आपकी आईटीआर प्रोसेसिंग की है या नहीं। क्योकि आईटीआर फाइलिंग के बाद इसको वेरीफाई करना भी आवश्यक होता है। आप आईटीआर स्टेटस (ITR Status) भी चेक कर सकते हो। अगर आपसे आईटीआर भरते समय कोई गलती हुई है तो आप रिवाइज्ड आईटीआर फाइल कर सकते है।
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निष्कर्ष – (Interest from TDS refund)
आपके द्वारा दावा किए गए Interest from TDS refund की जानकरी के लिए टीडीएस रिटर्न के स्टेटस को चेक करते रहना चाहिए। लेकिन अगर आपको लगता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वार दिए गए समय से अधिक समय होने के बाद भी आपका रिफंड आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं हुआ है तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शिकायत भी कर सकते हैं।
जब रिफंड टाइम से आपके अकाउंट में क्रेडिट ना हो या फेल हो जाए तो उसका कारण विभाग द्वारा आपको बताया भी जाता है लेकिन अगर आपको कारण नहीं पता चले तो शिकायत करने के बाद आपको सूचित जरूर किया जाएगा, कि किस कारण आपका टीडीएस आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं किया गया है।