5 Most Important Financial Ratios – जानिए 2023 में

हेलो दोस्तों। कैसे हैं आप, आशा करते हैं  कि आपका  दिन शुभ हो। आज का आर्टिकल है 5 Most Important Financial Ratios। आज  के इस आर्टिकल में आपको फाइनेंस रेश्यो के बारे में बताया जायेगा जैसे कि यह क्या होता है, यह कितने प्रकार का होता है, एक कम्पनी को एनालाइसिस करने में उपयोग आने वाले रेश्यो और इसके क्या लाभ होते है? फाइनेंस एक ऐसी चीज होती है जिसका हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसके बारे में जानना भी आवश्यक है तो चलिए चलते है अपने आर्टिकल की तरफ 5 Most Important Financial Ratios,

5 Most Important Financial Ratios
5 Most Important Financial Ratios

5 Most Important Financial Ratios – इन हिंदी 

Finance Ratio दो सब्दो से मिलकर बना है, जिसमे Finance और Ratio दो शब्द निहित होते हैं। जहाँ  Finance या वित्त का अभिप्राय साधारणतया पैसे, धन व पूंजी से होता है, और Ratio या अनुपात का अभिप्राय किन्ही भी दो या दो से अधिक चीजों में तुलना करने से होता है। यहाँ Finance Ratio का अर्थ हम वित्त की तुलना करने से ले सकते हैं, या कह सकते हैं कि वित्त की तुलना करना ही Finance Ratio  कहलाता है।

फाइनेंस रेश्यो  द्वारा बिज़नेस और शेयर मार्किट के आंकड़ों के बारे में पता लगा सकते हैं। 5 Most Important Financial Ratios इसे जानने से पहले ये जानिए फाइनेंस रेश्यो कम्पनी को परखने में कैसे मदद करते हैं? फाइनेंस रेश्यो  के माध्यम से किसी कंपनी की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। किसी भी कंपनी या फर्म की जानकारी आप आसानी से हासिल कर सकते हैं, इसके अलावा फाइनेंस रेश्यो द्वारा वित्त से सम्बंधित बड़े बड़े आंकड़ों को सरलता से समझा जा सकता है। यह  एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा बड़े से बड़े आंकड़ों को छोटे से छोटे रूप में दर्शाया जा सकता है।

अब बात करते हैं 5 Most Important Financial Ratios या एक कम्पनी को परखने के लिए कौन कौन से फाइनेंस रेश्यो बहुत ज्यादा उपयोगी होते है। फाइनेंस रेश्यो कि सहायता से एक कम्पनी कि स्थिति का पता लगाया जाता है, अगर हम बात करें कि  5 Most Important Financial Ratios तो इसके अन्दर डेब्ट तो इक्विटी रेश्यो, कार्यशील पूंजी अनुपात, त्वरित अनुपात, प्रति शेयर आय (ईपीएस), मूल्य-आय (पी/ई), डेट-टू-इक्विटी और रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) आदि शामिल हैं। तो चलिए जानते हैं  5 Most Important Financial Ratios : 

  • Debt to Equity Ratio,
  • Quick Ratio,
  • Working Capital Ratio,
  • Earning Per Share Ratio,
  • Profit Margin,

Debt to Equity Ratio,

5 Most Important Financial Ratios में यह  पहला रेश्यो है,  एक कम्पनी कि स्थिति पता करने में सहायता करने वाला यह पहला रेश्यो है, इसके द्वारा देखा जाता है कि कोई व्यवसाय अधिक उधार ले रहा है या नहीं, यह मीट्रिक के रूप में इक्विटी का उपयोग करके यथोचित भुगतान कर सकता है। ऋण से इक्विटी की गणना करने के लिए, आपको शेयरधारकों की इक्विटी द्वारा कुल देनदारियों को विभाजित करना होता है।

दूसरे शब्दों में, यह अनुपात उस डिग्री को मापता है जिस तक व्यवसाय के संचालन को ऋण द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। जब यह अनुपात एक से अधिक होता है, तो कंपनी पर अधिक ऋण होता है, यदि मूल्य एक से नीचे है, तो यह इंगित करता है कि कंपनी पर कम कर्ज है।

Quick Ratio,

हम त्वरित अनुपात के साथ सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपातों की अपनी सूची शुरू करेंगे, जिसे एसिड टेस्ट भी कहा जाता है। यह सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले वित्तीय अनुपातों में से एक है, जो व्यापार की तरलता का एक त्वरित संकेत देता है। यह आपको दिखाता है कि किसी व्यवसाय के अल्पकालिक ऋणों को उसकी मौजूदा तरल संपत्ति, या नकदी द्वारा कितनी आसानी से कवर किया जाएगा। यदि त्वरित अनुपात एक से अधिक है तो व्यवसाय की वित्तीय स्थिति अच्छी है।

Working Capital Ratio,

देनदारियों से संबंधित तीसरा अनुपात कार्यशील पूंजी अनुपात है, जिसे वर्तमान अनुपात भी कहा जाता है। त्वरित अनुपात की तरह, यह देखता है कि कोई कंपनी अपने मौजूदा ऋणों का कितनी अच्छी तरह भुगतान कर सकती है। हालाँकि, यह केवल तरल संपत्तियों के बजाय सभी मौजूदा संपत्तियों पर विचार करता है, इसलिए आपको समीकरण से इन्वेंट्री को घटाने की आवश्यकता नहीं है। सूत्र के रूप में लिखे जाने पर कार्यशील पूंजी अनुपात ऐसा दिखता है।

Earning Per Share Ratio,

इन्हीं पंक्तियों के साथ प्रति शेयर आय या ईपीएस है, भविष्य की कमाई का आकलन करते समय उपयोग करने के लिए एक और त्वरित अनुपात। प्रति शेयर आय कंपनी के स्टॉक के प्रत्येक शेयर के लिए आपको प्राप्त होने वाली शुद्ध आय को मापती है। ईपीएस की गणना करने के लिए, आपको वित्तीय वर्ष के दौरान बकाया आम शेयरों की संख्या से शुद्ध आय को विभाजित करना होगा।

यह संभावित रूप से एक ऋणात्मक संख्या हो सकती है, यदि कंपनी ने वर्ष के दौरान हानि पर कारोबार किया है। आम तौर पर, निवेशक विकास क्षमता निर्धारित करने के लिए ईपीएस को कई अन्य अनुपातों जैसे पी/ई के संयोजन में देखेते हैं।

Profit Margin,

5 Most Important Financial Ratios में या सबसे महत्वपूर्ण है,  लाभप्रदता की बात करते हुए, लाभ मार्जिन मूलभूत वित्तीय अनुपातों में से एक है, जिसके बारे में पता होना चाहिए। यह आपको दिखाता है कि कोई कंपनी अपनी समग्र लागतों को कितनी कुशलता से प्रबंधित कर रही है, या यह राजस्व को लाभ में कितनी अच्छी तरह परिवर्तित करती है। लाभ मार्जिन का सूत्र हैProfit / Revenue, फिर आप परिणाम को प्रतिशत में बदलने के लिए 100 से गुणा कर सकते हैं। लाभ मार्जिन जितना अधिक होगा, कंपनी बिक्री को मुनाफे में बदलने में उतनी ही अधिक कुशल होगी।

Finance Ratio kya hai
Finance Ratio kya hai

फाइनेंस रेश्यो 

शेयर मार्किट की बात करें तो कुछ समय पूर्व, शेयर मार्किट के बारे में किसी किसी को जानकारी थी, बहुत कम लोग इस मार्किट के विषय में जानते थे, किन्तु यदि हम आज इस मार्किट की तरफ देखें तो बहुत से लोग इस मार्किट के बारे में जानकारी रखने लगे हैं, और जिन लोगों को जानकारी नहीं है वे लोग शेयर मार्किट से जुड़ने तथा इसे जानने के लिए चीजों को सीखने व इससे सम्बंधित जानकारी को खोजने में लगे हुए हैं। 

5 Most Important Financial Ratios के टॉपिक के साथ  ये जानेंगे कि फाइनेंस रेश्यो है क्या? फाइनेंस रेश्यो, शेयर मार्किट का ही एक अंग मात्र है या कह सकते हैं कि शेयर मार्किट की धरा है। जैसे शेयर मार्किट के बारे में लोग जानना चाहते हैं ठीक उसी प्रकार लोग फाइनेंस के बारे में भी जानना चाहते हैं, तो 5 Most Important Financial Ratios और यह कितने प्रकार का हो सकता है पहले आज इसी के बारे में हम बात करेंगे, उसके बाद शेयर मार्किट के बारे में बात करेंगे।

कीमत से कमाई का अनुपात और इक्विटी अनुपात

Price to Earning Ratio,

हमने देनदारियों से संबंधित कुछ प्रमुख वित्तीय अनुपातों पर ध्यान दिया है, लेकिन आय से संबंधित अनुपातों के बारे में क्या? कमाई की क्षमता के लिए शीर्ष संकेतकों में से एक आय अनुपात, या पी / ई का मूल्य है। यह कंपनी के शेयर मूल्य को उसकी प्रति शेयर आय से विभाजित करता है।

दूसरे शब्दों में, यह उस राशि को मापता है जो एक निवेशक अर्जित प्रत्येक डॉलर के लिए भुगतान करेगा। यह आपको एक त्वरित विचार देता है कि कोई स्टॉक कम है या अधिक है। क्योंकि शेयर की कीमतें उद्योग और बाजार की स्थितियों से भिन्न होती हैं, “अच्छा” पी / ई का गठन करने के लिए कोई सार्वभौमिक नियम नहीं है। हालांकि, तुलना के लिए आप कंपनी के पी/ई की तुलना समान स्टॉक कीमतों से कर सकते हैं।

Return on Equity Ratio,

चाहे आप अपना खुद का पैसा निवेश कर रहे हों या शेयरधारकों को खुश रखने में रुचि रखते हों, आपको इक्विटी अनुपात पर वापस जानने की आवश्यकता होगी। लाभ की गणना के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपातों में से एक होता है, कंपनी की शुद्ध आय माइनस डिविडेंड को देखते हुए और इस आंकड़े को शेयरधारकों की इक्विटी से विभाजित करते हुए।

परिणाम आपको कंपनी की समग्र लाभप्रदता के बारे में बताता है, और इसे नेट वर्थ पर वापसी के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है।

Finance Ration Formula in Hindi

सॉल्वेंसी का विश्लेषण करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख वित्तीय अनुपात हैं: कुल-ऋण अनुपात = कुल देनदारियों को कुल संपत्ति से विभाजित करना। ऋण-से-इक्विटी अनुपात = कुल देनदारियों को विभाजित (कुल संपत्ति घटा कुल देनदारियां)

कुल-ऋण अनुपात = कुल देनदारियों/कुल संपत्ति 

ऋण-से-इक्विटी अनुपात = कुल देनदारियों/कुल संपत्ति घटा कुल देनदारियां

Finance Ration Formula in English

Total -debt ratio = total liabilities/total assets

Debt-to-equity ratio = total liabilities/total assets minus total liabilities

फाइनेंस रेश्यो कितने प्रकार का हो सकता है?

5 Most Important Financial Ratios के बारे में जानने के बाद हम ये जानेंगे कि इसके कितने रूप या प्रकार हो सकते हैं। वैसे तो इसके प्रकार बहुत से होते हैं जिनमे से हम कुछ मुख्य के  बारे में बात करेंगे। Finance Ratio के मुख्य प्रकार :-

  • Activity Ratio
  • Coverage Ratios
  • Dividend Payout Ratio
  • Market Prospect Ratios
  • Liquidity Ratio
  • Profitability Ratio
  • Solvency Ratio

Activity Ratio,

Activity Ratio जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है कि इसके द्वारा कंपनी की Activity का पता लगाया जाता होगा। Activity Ratio से कंपनी के कार्य करने के तरीके को देखा जाता है। Activity Ratio द्वारा कंपनी की Productivity और Sale की दशा का पता चलता है और संगठन कि उस स्थिति कोको पता करने के लिए किया जाता है कि एक्टिविटी रेश्यो का प्रयोग करके संगठन नकदी और राजस्व को उत्पन्न करने कि कितनी क्षमता रखती है। देनदार टर्नओवर अनुपात, लेनदार टर्नओवर अनुपात और स्टॉक टर्नओवर अनुपात  एक्टिविटी रेश्यो के ही प्रकार हैं।

Coverage Ratios,

Coverage Ratios एक कंपनी की ब्याज के भुगतान और उसके सभी प्रकार के ऋणों के भुगतान के दायित्वों की क्षमता को देखने का कार्य करता है और Coverage Ratios की अपनी एक महत्वपूर्णता होती हैं। इंटरेस्ट कवरेज, इन्सुरांस कवरेज, मेडिकल कवरेज, मीडिया कवरेज और देयता कवरेज इत्यादि सभी का कार्य ऋणोंका भुगतान करना ही होता है।

Dividend Payout Ratio,

Dividend एक ऐसी राशि होती है जो कंपनी के शेयर होल्डर्स को बाँटी जाती है। यह राशि कंपनी के लाभ का एक हिस्सा होती है। Dividend Payout Ratio द्वारा जिन  Dividend का भुगतान किया जा चुका है उनके अनुपात पता लगाया जाता है। Dividend Payout Ratio, Dividend को बांटने में सहायता करता है। यह Ratio भी कंपनी के हित का कार्य ही करता है क्यूंकि इसकी सहायता से पता लगाया जाता है कि किस व्यक्ति या कम्पनीया अन्य कोई जिसे डिविडेंड देना होता है उसे किस रेश्यो में या डिविडेंड का कितना हिस्सा देना है।

Market Prospect Ratios,

Market Prospect Ratios, Fundamental Analysis  के अंदर इस्तेमाल किया जाने वाला Ratio होता है। Market Prospect Ratios शेयर और एअर्निंग पर शेयर की मार्किट में क्या Ratio हो सकता है इसके ऊपर कार्य करता है।

Liquidity Ratio,

Liquidity Ratio से कंपनी की Assets और Loan के Ratio के बारे में जान सकते हैं। Liquidity Ratio के इस्तेमाल से कंपनी के Short Term Performance का पता लगाया जा सकता है। Liquidity Ratio से ऋण दायित्वों का भुगतान करने व उनकी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। Liquidity Ratio, मैट्रिक्स की गणना कर के सुरक्षा के मार्जिन को भी मापने का कार्य करता है। Liquidity Ratio के माध्यम से Loan की स्थिति का पता लगता है।

Profitability Ratio,

Profitability Ratio द्वारा कंपनी के लाभ के अनुपात का पता लगाया जा सकता है। Profitability Ratio से गणना की जाती है कि कंपनी द्वारा किये गए खर्चो के पश्चात कंपनी लाभ की भागीदार है अथवा हानि की। 

Profitability Ratio द्वारा लाभ के प्रतिशत का पता लगाया जा सकता है और यह एक ऐसा रेश्यो होता है जो कम्पनी के लाभ हानि का पता लगा कर कम्पनी को भविष्य के लिए एक अच्छी और उससे भी अच्छी स्थिति बनाने के लिए प्रेरित करता है। Profitability Ratio, Finance Ratio का सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण Ratio होता है जो कंपनी की स्थिति बताता है।

Solvency Ratio, 

Solvency Ratio बिल्कुल Liquidity Ratio की ही भांति कार्य करता है,  Solvency Ratio और Liquidity Ratio में बस इतना ही अंतर है कि Solvency Ratio को Long Term के आंकड़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जबकि Liquidity Ratio का इस्तेमाल Short Term के आंकड़ों को आँकने के लिए किया जाता है। 

Solvency Ratio की सहायता से Total Liabilities और Total  Assets की जानकारी ली जाती है। इसकी सहायता से Debt Ratio निकाला जाता है जहाँ पर ये कहना गलत नहीं होगा कि Debt Ratio जितना ज्यादा होता है कंपनी के लिए उतना ही अहितकारी होता है। यह कंपनी के ऋण की तुलना कंपनी की आय व संपत्ति से करने का कार्य भी करता है। 

Benefits of Finance Ratio
Benefits of Finance Ratio

Finance Ratio के कार्य और फायदे 

Finance Ratio का मुख्य कार्य कंपनी की Financial Health का पता लगाना होता है कि कंपनी की स्थिति किस प्रकार की है। Finance Ratio का कार्य केवल स्वयं की ही कंपनी की स्थिति का पता लगाना नहीं होता अपितु Finance Ratio के द्वारा किसी अन्य की कंपनी की Financial स्थिति का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। 

जब कम्पनी कि स्थिति पता करनी होती है तो  5 Most Important Financial Ratios को पता करना होता है और जब हमें इस बारे में जानकारी हो जाती है कि  5 Most Important Financial Ratios कौन से हैं  तो हमारे मन में एक और सवाल होता है कि इसके लाभ क्या क्या होंगे तो आपको बता दें कि किसी भी कंपनी की स्थिति को जांचने में Finance Ratio बहुत ही लाभदायक होती है। इसके इस्तेमाल से आप अपने आलावा किसी की भी कंपनी की स्थिति पता कर सकते हैं।

मान लीजिये अगर आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदने जा रहे हैं या किसी कंपनी में Invest करना चाहते हैं तो आपको Finance Ratio की आवश्यकता होगी, क्योकि बिना किसी कंपनी की स्थिति जाने (कि वह कंपनी लाभ में है या हानि में और Industry में उस कंपनी के ठीके रहने के कितने Chance है) तो आप उस कंपनी में Invest नहीं करना चाहेंगे, 

यदि आप बिना किसी जानकारी के किसी कंपनी में Invest करते हैं तो आपको इस बात का कोई अनुमान नहीं होता कि आपके द्वारा की गयी  Investment भविष्य में आपके लिए लाभदायी होगी या हानिकारक, किन्तु अगर आप कंपनी की Financial स्थिति की जांच कर Investment करते हैं तो आप हानि से अवश्य बच जाते हैं।

5 Most Important Financial Ratios के इस्तेमाल से कंपनी को होने वाले हानि से बचाया जा सकता है। यह लाभ के लिए संभावित दिशा प्रदान करते हैं जिससे कंपनी की स्थिति सुद्रढ़ हो सके। कंपनी की गतिविधि का पता लगाना, कंपनी की Assets और Liabilities की गणना करना, कंपनी के Loan का भुगतान करने की क्षमता का पता लगाना, कंपनी के Dividend के अनुपातों की गणना करना और कंपनी के Profit और Loss की प्रतिशतता का पता लगाना ये सभी कार्य Finance Ratio के अंतर्गत किये जाते हैं। इस तरह 5 Most Important Financial Ratios एक कम्पनी कि स्थिति जानने के लिए जरुरी होते हैं ।

इन्हे भी पढ़ें-

OD Account in Hindi

Share Market ki Basic Jankari

निष्कर्ष : 5 Most Important Financial Ratios

आज के इस आर्टिकल में हमने पढ़ा कि 5 Most Important Financial Ratios और यह कितने प्रकार का होता है? किसी भी कंपनी के वित्त की तुलना करना ही Finance Ratio कहलाता है। कंपनी की वित्तीय स्थिति को जांचने के लिए Finance Ratio का इस्तेमाल किया जाता है। Finance Ratio किसी कंपनी के लाभ को बढ़ाने का कार्य करने में सहायक होती है। Finance Ratio के बहुत से प्रकार होते हैं जिनमे से मुख्य पांच होते हैं। Finance Ratio को कंपनी की स्थिति को बनाये रखने और भविष्य में होने वाली हानि से बचने और कंपनी लाभ को बढ़ाने के उद्देस्य से प्रयोग किया जाता है।

अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आये तो नीचे कमैंट्स में हमें बताइये कि 5 Most Important Financial Ratios आर्टिकल आपको कैसा लगा ताकि इसे ही जानकारी भरे आर्टिकल हम आपके लिए लाते रहें और आप इसी तरह से हमें प्रोत्साहित करते रहे।

Leave a Comment